कुडानुकुलम परमाणु प्लांट का विरोध कर रहे सैकड़ों लोगों पर सरकार द्वारा देशद्रोह का मामला दर्ज कर दिया जाता है, असीम त्रिवेदी पर कार्टून बनाने के लिए देशद्रोह का चार्ज लगा दिया जाता है, बिनायक सेन और अरुंधती रॉय पे बोलने के लिए देशद्रोह का आरोप लगा दिया जाता है और अब उसी सेडीशन लॉ के तहत कन्हैया को बिना किसी सबूत के देशद्रोही कहकर सरकार जेल में डाल देती है!
जिन अंग्रेजों ने अपने ब्रिटिश रूल को प्रोटेक्ट करने के लिए ग़ुलाम भारत में सेडीशन लॉ (देशद्रोह क़ानून) बनाया था और उसके तहत तमाम स्वतंत्रता संघर्ष वाले नेताओं को जेल भेजा था, उसको उन्होंने डेमोक्रेसी की मजबूती की खातिर 2009 में समाप्त कर दिया..लेकिन भारत अभी उसी लॉ को ढो रहा है. अगर आज़ाद भारत में अंग्रेजों के बनाये ऐसे ग़लत क़ानून की प्रासंगिकता पे बात नहीं होगी तब कब होगी?